shiv chalisa lyrics in marathi - An Overview
shiv chalisa lyrics in marathi - An Overview
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दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।
If the download website link supplied from the write-up (सम्पूर्ण शिव चालीसा
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
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दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
Glory to Girija’s consort Shiva, who is compassionate on the destitute, who often shields the saintly, the moon on whose forehead sheds its attractive lustre, and in whose ears are definitely the pendants from the cobra hood.
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥